Monday, February 21, 2011

जागो भारतवासियों दूसरा स्वतंत्रता संग्राम शुरू हो गया है ...

भारत के पास इतना वक़्त नहीं है अब. ये सुझाव वुझाव की बातें छोड़ो और कुछ नए कानून बनाओ. जिसमे कुछ बातें इस तरह की हो :- (01) अभी जितने भी आयोग बने है सब राजनेताओ कि कठपुतलियां है और इनके इशारो पर काम करते है जैसे सीबीआई , केंद्रीय सतर्कता आयोग, भ्रस्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Beuro ), ये सब आयोग और ब्यूरो केवल दिखाने के लिए बनाये गए है. ताकि भारत कि जनता को उल्लू बनाया जा सके और राजनेता और अफसर अपना स्वयं का उल्लू सीधा करते रहे. एक स्वतंत्र आयोग का गठन करो जो सेल्फ डिसीजन ले सके. जो गवर्नमेंट या पोलिटिकल लीडर्स की कठपुतली नहीं बने.
(02) दूसरा काम ये करो रेसेर्वे बैंक से करेंसी चेंज करवाओ, जब करेंसी चेंज होगी तो वर्तमान में जितने भी नोट है वो केवल कागज हो जायेंगे, यानि किसी काम के नहीं रहेंगे, फिर एक अभियान चला कर पुराने नोट को कलेक्ट करो उसके बदले नई करेंसी के नोट जनता को दो. अगर ऐसा नहीं कर सकते तो बड़े नोटों को वापस लो और इसके बदले छोटे नोट बाज़ार में उतारो. 100 रुपये से बड़ा नोट नहीं होना चाहिए
(03) हर भ्रस्ट व्यक्ति को अधिकतम एक महीने के अन्दर अन्दर मौत की सजा का प्रावधान हो. अगर मौत नहीं भी दो तो कम से कम आजीवन सश्रम कारावास की सजा एक महीने के अन्दर मिले. और भ्रस्टाचारी की सारी संपत्ति कुर्क करके जितना भी घोटाला किया है उसको 15 दिन के अन्दर अन्दर उससे घोटाले की संपूर्ण रकम को जब्त किया जाये, चाहे उसने घोटाले की रकम को पाताल में ही क्यों न छिपाया हो , उससे छीन लिया जाये.
(04) हर भारतीय नागरिक के पास अधिकतम संपत्ति रखने का कानून बने. जैसे की कोई भी भारतीय नागरिक 10 करोड़ या 20 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का मालिक नहीं हो सकता, चाहे वो प्रशाशनिक अधिकारी हो , कोई राजनेता हो , या कोई आम नागरिक हो. अगर निर्धारित संपत्ति के अलावा किसी भी प्रकार की संपत्ति / धन /माल पाया जाता है तो उसको जब्त करके राजकोष में शामिल करो.
(05) एक "प्रजा अधीन रजा" का कानून यानी (Right To Recall ) यानी एक ऐसा कानून बने जिसके तहत यदि कोई राजनेता कोई घोटाला करता है या अफसर घोटाला या रिश्वत लेता है तो उसे अपनी कुर्शी से हटाने का काम जनता स्वयं करेगी. आपको सुनकर हेरानी होगी कि हिंदुस्तान सन 1947 में आजाद हुवा और मात्र 1 साल बाद यानी 1948 में हिन्दुस्तान के पहले घोटाले को अंजाम दे डाला. और ये घोटाला उस 80 लाख रुपाए का था. जिस व्यक्ति ने ये घोटाला किया उसका नाम था वी के कृष्णा मेनन जिसे हमारे प्रथम प्रधानमन्त्री नेहरु ने सन 1955 में केबिनेट मंत्री के सिंहासन पर बैठा दिया था.

कांग्रेस की वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 5 घोटाले सामने आ चुके है. (1) कोमन वेल्थ घोटाला (200 करोड़ का), (2) 2G स्पेक्ट्रुम घोटाला (1.79 लाख करोड़) , (3) आदर्श हौसिंग घोटाला (4) मेरठ छावनी जमीन घोटाला (5000 करोड़) , (5) इंदौर और भोपाल का बिल्डर, प्रशासन और नेताओ के बीच काले धन का घोटाला (करीब 300 करोड़ नकद , 15000 फाइलें और 500 अज्ञात बैंक खाते जिनमे अरबों रुपये होने कि आशंका है.


यानी एक रिपोर्ट के मुताबिक सन 1948 से लेकर 2005 तक करीब 35 घोटालों को अंजाम दिया जा चूका है. और इन 35 घोटालों में एक भी व्यक्ति को ना तो कभी सजा हुई और ना ही गबन किया हुवा एक रूपया वापस आया. इन 35 घोटालों का लाखों करोड़ रुपया कहा गया ................

मुखर्जी साहेब आप कह रहे है कि 4 संस्थानों से इस सम्बन्ध में सुझाव मांगे जायेंगे जिसमे करीब एक साल का वक़्त लगेगा. ये वक़्त सुझाव मांगने का नहीं है. ऊपर दिए गए सभी कानून बनाकर उन्हें अप्रैल 2011 से पहले लागु करने का है. अब पानी सर से ऊपर निकल चूका है. ये घोटाले करके जो भारत का पैसा विदेश में भिजवा देते है या हजम कर जाते है ये पैसा उनके बाप का नहीं है. ये पैसा उस भारतीय के खून पसीने कि कमाई का है जो वो मेहनत करता है.


... और तुम्हारी कांग्रेस सरकार J.P.C. (संयुक्त संसदीय समिति) से इन घोटालों कि जाँच क्यो नहीं करवाना चाहती? तुम्हे प्रॉब्लम क्या है? हरामियों समय रहते अभी जाँच करवा लो नहीं तो भारत का आम नागरिक उठ खड़ा हुवा तो सारी राजनेतिक पार्टियाँ हिंदुस्तान का इतिहास मात्र हो जाएगी और तुम्हे अपनी जान बचाने का मौका तक नहीं मिल पायेगा.

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